जीरकपुर पुलिस ने जालंधर के पुजारी बजिंदर सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और बलात्कार के गंभीर आरोपों में कि मामला दर्जया है। यह आरोपी चमत्कार के माध्यम से बीमारियों के इलाज का दावा करता था। इस मामले में अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सुच्चा सिंह, जतिंदर कुमार, सितार अली, और संदीप उर्फ पहलवान भी शामिल थे। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 420, 354, 294, 323, 506, 148 और 149 के तहत आरोप लगाए हैं।
2018 जीरकपुर यौन उत्पीड़न केस: कोर्ट ने बजिंदर सिंह को ठहराया दोषी
मोहाली की पॉक्सो अदालत ने 2018 में जीरकपुर में हुए यौन उत्पीड़न और बलात्कार के मामले में पुजारी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया है। इस बहुचर्चित मामले में अदालत 1 अप्रैल को अंतिम सजा सुनाएगी। बजिंदर सिंह शुक्रवार को छह अन्य आरोपियों के साथ मोहाली पॉक्सो कोर्ट में अंतिम सुनवाई के लिए पेश हुए। हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में अन्य पांच आरोपियों को बरी कर दिया।
यह मामला 2018 में जीरकपुर की एक महिला द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित है। जांच के दौरान, बजिंदर सिंह को जुलाई 2018 में दिल्ली हवाई अड्डे पर लंदन भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस चार्जशीट में हुए चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस जांच में यह सामने आया कि ‘द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम’ के पुजारी बजिंदर सिंह ने ताजपुर गांव में नाबालिग पीड़िता के साथ बलात्कार किया। पुलिस चार्जशीट के अनुसार, बजिंदर ने पीड़िता का फोन नंबर लेकर उसे अश्लील संदेश भेजने शुरू किए। इसके बाद, उसने पीड़िता को चर्च के एक केबिन में अकेले रखा और वहां उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
इस मामले में कपूरथला पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया था, जिसने गहन जांच के बाद आरोप-पत्र दाखिल किया।